औरंगाबाद के कुटुंबा में मंगलवार दोपहर एक स्ट्रीट डॉग नवजात के शव को मुंह में दबाकर घूम रहा था। लोगों ने जब डॉग को देखा, तो उसे पत्थर मारकर भगाने की कोशिश की।
इस दौरान डॉग धनंजय मेहता के घर के पास आधी बॉडी छोड़कर भाग गया। ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी। लोगों का आरोप है कि सूचना के दो घंटे बाद भी पुलिस की टीम मौके पर नहीं पहुंची।
मामला कुटुंबा थाने से 500 मीटर दूर निशुनपुर गांव का है। लोगों ने बताया कि ‘डॉग ने नवजात के शव का आधा हिस्सा खा लिया था।’ फिलहाल, पुलिस शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

पहले अस्पताल प्रबंधन को दी सूचना, कोई नहीं आया
गांव के लोगों ने बताया कि ‘घटना की सूचना सबसे पहले रेफरल अस्पताल प्रबंधन को दी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना देने के बावजूद भी काफी देर तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने फोन काटा
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आकांक्षा सिंह के मोबाइल नंबर पर जब घटना की जानकारी लेने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने नवजात का शव मिलने की सूचना सुनते ही फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।
वहीं अस्पताल प्रबंधक प्रफुल्ल कुमार ने बताया, ‘रात में एक महिला ने अस्पताल के बाहर नवजात को जन्म दिया था, जो मृत था। परिजन मृत नवजात का शव लेकर अस्पताल पहुंचे थे। परिवार अस्पताल के रजिस्टर में एंट्री करने को बोल रहा था। जब ऐसा नहीं किया गया तो वे लोग नवजात के शव को फेंककर भाग गए। शायद इसी शव को स्ट्रीट डॉग लेकर गांव में पहुंच गया होगा।’
नवजात को किसने फेंका, जांच में जुटी पुलिस
पुलिस आसपास लगे CCTV की फुटेज खंगाल रही है, ताकि किसी संदिग्ध की पहचान हो सके। इसके अलावा, पुलिस अस्पताल और नर्सिंग होम से भी जानकारी जुटा रही है। पुलिस ने बताया कि ‘प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नवजात का शव किसी ने कुटुंबा रेफरल अस्पताल के पीछे फेंक दिया था, जिसे कुत्ता घसीटकर ले जा रहा था। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मृत बच्चा जन्म लिया या फिर उसकी मृत्यु बाद में हुई है।’