बेगूसराय में जमीन विवाद के कारण एक बुजुर्ग महिला की लाश 40 घंटे से अधिक समय तक घर में पड़ी रही। फिलहाल स्थानीय लोगों की पहल पर लाश का अंतिम संस्कार किया गया है। बताया जा रहा है परिहारा वार्ड नंबर-3 में ललन सिंह और मंगल साह के बीच जमीन विवाद चल रहा था।
मामला डिस्टिक कोर्ट के बाद हाई कोर्ट तक पहुंचा। जहां से ललन सिंह के पक्ष में फैसला आया और मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में 17 नवंबर 2024 को घेराबंदी की गई। जिसके कारण मंगल साह के परिवार का घर से निकलने का रास्ता बाधित हो गया। यह लोग पीछे के रास्ते से निकलते थे।
शनिवार की शाम में मंगल साह की मां कौशल्या देवी (करीब 100) की मौत हो गई। इसके बाद मंगल साह का परिवार इस बात पर अड़ गए कि लाश को हम लोग अंतिम संस्कार के लिए सामने के रास्ते से ही ले जाएंगे, पीछे के रास्ते से नहीं निकलेंगे। घटना परिहारा थाना क्षेत्र के परिहारा वार्ड नंबर-तीन की है।

पीछे के रास्ते से ईंट हटाकर लाश ले जाई गई
सामने दीवार रहने के कारण कोई विकल्प नहीं था। घर से बगल से होकर निकलने की व्यवस्था हो सकती थी, लेकिन वहां भी पड़ोसियों ने ईंट जमा कर दिया था। इसके बाद मामला प्रशासन के पास पहुंचा तो बखरी एसडीओ भी मौके पर पहुंचे, लेकिन दीवार हाई कोर्ट के आदेश पर बनवाया गया था।
जिसके कारण एसडीओ भी कुछ नहीं कर सके और समझाया कि पीछे से होकर जो रास्ता है उसी से होकर किसी तरह लाश को ले जाइए। रास्ता के आभाव में मंगल साह लाश नहीं ले जा सके, उसके बाद आज सुबह में फिर गांव-समाज के लोग जुटे, तब पीछे के रास्ते से ईंट हटाकर लाश अंतिम संस्कार के लिए मुंगेर घाट ले जाया गया।
कोर्ट के आदेश पर मापी के बाद दीवार बनवाई गई थी
मंगल साह का कहना है कि हमारे पिताजी ने ललन सिंह के परिवार से जमीन खरीदी थी। दोनों की जमीन अपने कब्जे में है। हम लोग सामने वाले रास्ते से आना-जाना करते थे, लेकिन जबरदस्ती रास्ता बाधित कर दिया गया। जिसके कारण मेरी मां की लाश दो दिनों तक घर में पड़ी रही।
एसडीओ सन्नी कुमार सौरभ ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मापी के बाद दीवार बनवाई गई थी। यह लोग जबरदस्ती दीवार तोड़वा कर उसी रास्ते से लाश ले जाना चाहते थे। समझाया गया कि अभी जिस रास्ते से चल रहे हैं, उसी रास्ते से चलिए। आज अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।