उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 की आलोचना करने वालों पर कड़ा प्रहार किया है। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान उन्होंने कहा, “महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसे वही मिला। गिद्धों को लाश मिली, सुअरों को गंदगी मिली, जबकि आस्थावानों को पुण्य और संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीरें मिलीं।”
अखिलेश यादव पर निशाना
योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव पर भी तंज कसते हुए कहा, “नेता प्रतिपक्ष अब समाजवादी से सनातनी हो गए हैं।” उन्होंने सपा पर आरोप लगाया कि उनके शासनकाल में सनातन धर्म के प्रति कोई श्रद्धा नहीं थी, इसलिए उन्होंने एक गैर-सनातनी को कुंभ का प्रभारी नियुक्त किया था।
महाकुंभ 2025 की भव्यता
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ 2025 की भव्यता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अब तक 63 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं, और 26 फरवरी तक यह संख्या 65 करोड़ पार होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “अगर महाकुंभ में विश्वस्तरीय व्यवस्था नहीं होती, तो इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नहीं आते।”
विपक्ष की आलोचना पर प्रतिक्रिया
विपक्ष द्वारा महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए योगी ने कहा, “आपने कहा कि महाकुंभ में एक जाति विशेष के लोगों को रोका गया। हमने कहा कि किसी को रोका नहीं गया है। अगर किसी ने अव्यवस्था फैलाई, तो उसे इसकी इजाजत नहीं है।”
सनातन धर्म और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार सनातन धर्म के साथ-साथ बौद्ध, जैन और अन्य पंथों के पुनरुद्धार के लिए भी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, “हम इस धरा पर जन्म लेने वाले सभी पंथों और धर्मों का सम्मान करते हैं।”
महाकुंभ 2025 की भव्यता और व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है।