इंट्री-पासिंग गिरोह के खिलाफ केस दर्ज का एक हफ्ता के ज्यादा हो रहा है लेकिन अभी तक गिरफ्तारी शून्य है। यहां तक कि बरारी पुलिस ने डीटीओ या परिवहन विभाग में जाकर जांच करना तक मुनासिब नहीं समझा। इस मामले में बरारी टीओपी के नाम से भी माफिया ने किसी का मोबाइल नंबर सेव कर रखा था। यह स्थिति तब है जबकि खुद बरारी थानेदार ने ट्रकों को पास कराने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया था। बावजूद इसके पुलिस की जांच बहुत ही धीमी गति से चल रही है जिससे इससे जुड़े माफियाओं को बचने का पूरा मौका मिल रहा है।
जांच में जितनी देर होगी, माफिया संबंधित बैंक खाते से उसी रफ्तार से अपना-अपना पैसा निकालने में कामयाब हो सकेंगे। जानकार सूत्रों के अनुसार केस दर्ज होने के बाद इस सिंडिकेट से जुड़े कई लोगों ने अपना मोबाइल बंद कर राज्य भी छोड़ दिया है। कई ने भागलपुर छोड़कर अपना दूसरा ठिकाना भी तैयार कर लिया है। जबकि पुलिस टीम में शामिल कई लोग यहां से तबादले के बाद दूसरे जिले में जा चुके हैं। लेकिन उनके खिलाफ भी जांच की तैयारी की जा रही है। हालांकि बरारी पुलिस का कहना है कि जल्द जांच करने संबंधित विभाग के दफ्तार हमारी टीम जानेवाली है।
लोदीपुर थाना क्षेत्र स्थित हादसे के वक्त मिले ट्रक में नंबर नहीं सिटी रिपोर्टर|भागलपुर जिस ओवरलोड ट्रकों से वसूली मामले में बरारी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। उसी तरह के ट्रकों की आवाजाही के चक्कर में सोमवार को लोदीपुर थाना क्षेत्र स्थित टोल प्लाजा से कुछ दूरी पर एक वृद्ध की जान चली गई। ट्रक चालक ने वृद्ध को रौंदते हुए जान ले ली। जिस ट्रक से यह हादसा हुआ है, उसका नंबर तक पहचान में नहीं आ रहा है। ट्रक का नंबर BR19G AB7 2 है, यानी कि एक अंक इसमें छिपा दिया गया है ताकि किसी तरह की गड़बड़ी होने पर ट्रक को तुरंत ट्रेस नहीं किया जा सके। लेकिन इस घटना में वृद्ध की मौत हो गई, इसलिए चालक ट्रक से कूदकर भाग गया और उसे सीज करना पड़ा।
इंट्री पासिंग का खेल कुछ इसी तरह की गड़बड़ी और डिजिटली सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर किया जा रहा था, जिसकी जांच चल रही है। बरारी पुलिस अब दर्ज केस के आधार पर जिन-जिन लोगों का नाम आया है, उसके बैंक खाते, संपत्ति की जांच कर रही है। ताकि कहां से किस खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया था, वह अभी कहां है। किन-किन जगहों पर उन भ्रष्टाचार के रुपयों को लगाया गया, उसकी जांच की जा रही है। दूसरी बात पुलिस भले ही यह कहे कि मामले की जांच की जा रही है, लेकिन अभी तक न तो परिवहन विभाग न डीटीओ कार्यालय जांच में पुलिस गई है।
इंट्री-पासिंग गिरोह को लेकर कई तरह की जांच चल रही है। इसमें कहां से कितना पैसा आया और किसके खाते में गया, उस पैसे से उसने क्या किया। इन सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है, जल्द इसमें खुलासा होगा। – हृदय कांत, एसएसपी