भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय में हाल ही में आयोजित कृषि मेला ने कृषि क्षेत्र में तकनीकी बदलाव की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाया। इस मेले में ड्रोन के माध्यम से कृषि को बढ़ावा देने वाली तकनीकों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। खासतौर पर ड्रोन के कार्यों की मॉक ड्रिल ने उपस्थित लोगों को आकर्षित किया।
यह ड्रोन किसानों को विभिन्न कार्यों में सहायक साबित हो सकते हैं। किसानों को अब बीज बुआई, पानी का छिड़काव, खेतों में खाद और दवाइयों का छिड़काव जैसे कार्यों में आसानी हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि खेतों में आग लगने की स्थिति में भी ड्रोन के द्वारा अग्निशामक कार्य किए जा सकते हैं, खासकर उन स्थानों पर जहां अग्निशामक गाड़ी नहीं पहुंच पाती।

ड्रोन दीदी ट्रेनिंग का आरंभ
यह तकनीक महिलाओं के लिए भी एक नई दिशा प्रदान कर रही है। महिलाएं अब ड्रोन से जुड़कर कृषि में काम करके आत्मनिर्भर बन सकती हैं और अच्छा मुनाफा भी कमा सकती हैं। फ्लाइट लाइन एविएशन अकादमी और भागलपुर सबौर कृषि कॉलेज के सहयोग से “ड्रोन दीदी ट्रेनिंग” की शुरुआत की गई है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत महिलाओं को तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें उन्हें ड्रोन के माध्यम से कृषि कार्यों को बेहतर बनाने की प्रैक्टिकल जानकारी दी जाएगी। इसके बाद, सरकार 80 प्रतिशत सब्सिडी के माध्यम से महिलाओं को ड्रोन प्रदान करेगी।

ड्रोन से जुड़े संभावित लाभ
कंपनी के डायरेक्टर ऋषि मिश्रा ने बताया कि महिलाएं अब ड्रोन के माध्यम से खेतों में खाद, बीज का छिड़काव, पानी का छिड़काव और आग पर काबू पाने के कार्यों में दक्ष हो सकती हैं। इसके अलावा, फसल कटाई के बाद इन्हें दूसरे स्थानों पर भी स्थानांतरित किया जा सकता है।
इस कृषि मेले में ड्रोन ने खासतौर पर सभी का ध्यान आकर्षित किया। यह एक नई उम्मीद है कि किसानों और महिलाओं के लिए कृषि को और अधिक तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा सके।