भोजपुर में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा है। CM मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम के गांव हरिगांव में पहुंचेंगे।
यहां शिवसागर के पिता मोहित रामगुलाम के चचेरे भाई शिव रतन की चौथी पीढ़ी हरिशंकर महतो का परिवार रह रहा है, जो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश से 16 साल से मिलने की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा से पहले दैनिक भास्कर ने सर शिवसागर रामगुलाम के गांव में की स्थिति जानी। पता चला कि मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम और तत्कालीन PM नवीनचंद्र रामगुलाम के गांव में न तो सड़क है और ना ही पानी।
एक अस्पताल है, जो साल 2008 में बना था, लेकिन 16 साल बाद नीतीश कुमार आज उसका उद्घाटन करेंगे।
पढ़िए मॉरीशस के पहले प्रधानमंत्री और पिछले तीन बार से लगातार PM बन रहे नवीनचंद्र रामगुलाम के परिवार की कहानी और उनके गांव की क्या है स्थिति…।
सबसे पहले जानिए, नीतीश आखिरी बार यहां कब आए, तब क्या हुआ था?
मॉरीशस के पहले पीएम के बेटे और वर्तमान पीएम नवीनचंद्र रामगुलाम साल 2008 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हरिगांव पहुंचे थे, लेकिन नवीनचंद्र रामगुलाम अपने पैतृक घर नहीं गए थे। उस समय नवीनचंद्र रामगुलाम की चौथी पीढ़ी की ना तो मॉरीशस के प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई और ना ही नीतीश कुमार से। इस बात से हरिशंकर का परिवार आज तक दुखी है। हरिशंकर की नीतीश कुमार से मांग है कि उन्हें उनके वंशज से मिलाया जाए। गांव का अच्छे से विकास हो।
2008 में सीएम नीतीश इस गांव में आए थे। तब उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह की धरती हरिगांव को मॉरिशस के पहले प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम के नाम से भी जाना जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ।
भोजपुर के हरिगांव की इस धरती को शिवसागर रामगुलाम के नाम से तो दूर उनके परिवार के किसी सदस्य के नाम से भी पहचान नहीं मिल पाई है। यहां तक कि गांव में उनके परिवार से जुड़े किसी शख्स का स्मारक तक नहीं बनाया गया।
गांव में एक ऐसा अस्पताल भी है, जिसका उद्घाटन 16 साल बाद हो रहा है। जबकि इसका निर्माण 2008 में ही हो चुका था। यानी इस अस्पताल के उद्घाटन में 17 साल लग गए। वहीं, गांव में अभी भी सड़क और पानी की भी समस्या बरकरार है।
DNA से पता चला कि हम लोग मोहितराम के वंशज हैं
हरिशंकर महतो ने कहा, ‘हमारे पूर्वज मोहित राम गुलाम अंग्रेजों के जमाने में गिरमिटिया मजदूर बनकर गए थे। उसके बाद 2000 में इन्क्वायरी आई कि उनके वंशज कहां हैं। उसके बाद खाता खलिहान मिलाया गया। हमलोगों की DNA जांच हुई। जिसके बाद पता चला कि हम लोग उनके वंशज हैं।’
2008 में मॉरीशस के वर्तमान पीएम अपने पैतृक घर क्यों नहीं आएं, हमें उनसे क्यों नहीं मिलने दिया गया, इस बारे में हम नहीं जानते हैं।
मोहित राम गुलाम का सारा परिवार मॉरीशस में रह गया
दरअसल, राम शरण महतो के पहले बेटे मोहित राम गुलाम दिहाड़ी करने के लिए 1871 में कोलकाता बंदरगाह से 1194 नंबर शिप से मॉरीशस पहुंचे थे। जिसके बाद मोहित राम गुलाम का सारा परिवार मॉरीशस में ही रह गया, लेकिन मोहित राम गुलाम के चचेरे भाई शिव रतन और राम लोचन की चौथी पीढ़ी अभी भी भोजपुर जिले के हरिगांव में है।
मोहित राम गुलाम के बेटे शिवसागर रामगुलाम का जन्म 18 सितम्बर 1900 को केवाल नगर, ब्रिटिश मॉरीशस में हुआ था। शिवसागर रामगुलाम मॉरीशस के प्रथम मुख्यमंत्री और छठे गवर्नर-जनरल थे। वे 1961 से 1982 तक प्रधानमंत्री रहे। एक स्टडी के मुताबिक, शिवसागर रामगुलाम को उनके माता-पिता बचपन में ‘केवल’ कहकर बुलाते थे। इनके पिता का मोहित रामगुलाम भारतीय प्रवासी श्रमिक थें।
शिवसागर रामगुलाम की माता का नाम बासमती रामचरन था। शिवसागर रामगुलाम का निधन 15 दिसम्बर, 1985 को पोर्ट लुइस मॉरीशस में हुआ था।
पिता जिस कुएं से सिंचाई करते थे, वो भी बर्बाद
ग्रामीण हरेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा, ‘मोहित राम गुलाम के पिता के नाम पर एक कुआं है। कुआं कूड़े से ढंका हुआ है। वहां पर कैथी भाषा में कुछ लिखा हुआ था, तब जगदीशपुर से कैथी भाषा पढ़ने वाले को बुलाया गया तो शिलापट पर राम शरण महतो (मोहित राम गुलाम के पिता) का नाम लिखा हुआ था। कुआं से मोहित राम गुलाम और उनके पिता राम शरण महतो खेत की सिंचाई करते थे।’

जानें सीएम के आगमन पर क्या कह रहे ग्रामीण…
जहां सीएम आ रहे वहीं तक अच्छा, बाकी बेकार
ग्रामीण कमलेश पांडेय ने बताया कि, ‘जहां सीएम आ रहे हैं, वहां सबकुछ अच्छा है। उसके बाद गांव में कुछ ठीक नहीं है। गांव में आएंगे तो सड़कें जर्जर है, नहस-नहस है। नाली की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सड़क और नाली बनानी चाहिए। नल-जल योजना का भी काम नहीं हुआ है।

सीएम घूमकर देखे क्या सभी को उचित व्यवस्था मिल रही
चिंता देवी ने कहा, ‘सीएम नीतीश कुमार आएं और गांव में घूमकर देखें, जो भी काम हुआ, उसके बाद सभी को उचित व्यवस्था मिल रही या नहीं।
कमला देवी ने कहा, ‘नल लगाए हुए 20 दिन हो गए हैं, लेकिन अबतक पानी नहीं आया। सड़क तोड़ दिया जाता है, पर ढलाई नहीं की जाती है। गांव का विकास होना चाहिए।

चार दिन से पाइप बिछाया जा रहा
मुनमुन पांडेय ने बताया, ‘गांव में बहुत कमी है। कोई विकास नहीं हुआ है। नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इधर चार दिन से पाइप बिछाने का काम हो रहा है।’
उद्घाटन के बिना चल रहा था अस्पताल, सीएम के आने से पहले सजावट
सीएम नीतीश 556 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का उद्घाटन करेंगे। इस अस्पताल को मॉरिशस के प्रधानमंत्री डॉक्टर नवीनचंद्र राम गुलाम के नाम पर बनाया गया है। अस्पताल को उच्च स्वास्थ्य सेवा के लिए बनाया गया है।
रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर श्रीकृष्ण ने बताया कि ‘इस अस्पताल की बिल्डिंग 2008 में ही बना दिया गया था, लेकिन उद्घाटन नहीं हुआ था। फिर भी अस्पताल में ओपीडी का काम चलता था। जब प्रगति यात्रा का कार्यक्रम होना तय हुआ तो इस अस्पताल को ठीक करने का निर्णय लिया गया और हमलोगों ने मिलकर काम किया।’
जिलाधिकारी का निर्देश आने के बाद इस अस्पताल का सौंदर्यीकरण किया गया। 24×7 लेबर रूम स्टार्ट किया जा रहा है। गांव वालों को अब ओपीडी की सुविधा मिलेगी। प्रसव के लिए भी व्यवस्था कर दी गई है। अभी एक डॉक्टर रखे गए हैं। एक एनएम और एक जीएनएम है।
साथ ही भ्रमण के समय 10 एनएम और 3 डॉक्टर रखे गए हैं। इमरजेंसी में मरीज अगर आते हैं तो उनको ओपीडी में बैठे डॉक्टर देखेंगे, अगर स्थिति खराब होगी तो उसे आरा सदर या जगदीशपुर अस्पताल रेफर किया जाएगा।
सीएम के आने से पहले स्कूल भी मॉडल बन गया
सीएम के कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली हैं। सड़क निर्माण से लेकर स्कूल को मॉडल बनाना, पोखरों की साफ-सफाई की गई। गांव के स्कूल सर शिवसागर राम गुलाम +2 विद्यालय की रूप रेखा बदल दी गई है।
स्कूल की शिक्षिका सुनीता सिंह ने कहा, ‘सीएम के कार्यक्रम से स्कूल का विकास हो गया। इससे पहले स्कूल के बाहर दीवारें नहीं थीं। गांव के असामाजिक तत्व स्कूल के खेल मैदान में पहुंच जाते थे, लेकिन अब दीवार बन गई है।
दीवारों पर पेंटिंग से अलग-अलग तरीके से संदेश दिया गया है। खेल मैदान विकसित हो गया। पहले भी पर्याप्त मात्रा में क्लास रूम था, लेकिन ठीक से नहीं चल रहा था। पहले शिक्षक कम थे, लेकिन अब नए शिक्षक आए हैं तो बहुत अच्छे से काम चल रहा है। पहले 8 शिक्षक थे अब 20 शिक्षक हो गए।
शिक्षिका ने बताया कि, ‘स्कूल में साढ़े 900 बच्चे हैं। स्मार्ट क्लास भी बनाए गए हैं, इसके साथ ही हाईटेक पुस्तकालय और लैब बनाए गए हैं। पहले एक लैब था, लेकिन अब 3 लैब बन गए हैं।’
ई-बुक से भी होगी पढ़ाई
स्कूल के कंप्यूटर टीचर अक्षय कुमार ने बताया कि, ‘यहां के स्कूल को मॉडर्न बनाया जा रहा है। प्रोजेक्टर लगाया जा रहा है। कंप्यूटर लगाए जा रहे है। अगर किसी बच्चे के पास किसी सब्जेक्ट का बुक नहीं है तो ई बुक से पढ़ाई की जा सकती है।
साइंस लैब को डिजिटल बनाया गया है। पहले लैब में उपकरण की कमी थी जो अब पूरा कर दिया गया है। स्कूल में जिम की भी सुविधा दी जा रही है। जो बच्चे नहीं आ रहे है उनके अभिभावकों के साथ मीटिंग कर उन्हें सलाह दी जा रही है ।
अस्पताल और स्कूल के साथ पंचायत सरकार भवन, जीविका भवन, मुक्तिधाम का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।