भारत सरकार के वस्त्र मत्रालय तत्वावधान में दृष्टि बिहार
सामाजिक एवं संस्कृति संस्थान के माध्यम से एसएम
कॉलेज के प्रशाल में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण
कार्यक्रम का समापन किया गया । समापन समारोह के
दौरान कार्यक्रम में भाग ले रही प्रतिभागी छात्राओं द्वारा
स्वयं के द्वारा बनाए गए विभिन्न कलाकृतियों और पेंटिंग का
एग्जिबिशन भी लगाया गया। मौके पर कॉलेज की इंचार्ज
डॉ अंजू कुमारी, टीएमबीयू के पीआरओ डॉ दीपक कुमार
दिनकर, एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ हिमांशु शेखर,
डॉ पृथा बसु, डॉ मनोरमा सिंह, डॉ मधु कुमारी, डॉ सुनीता
सिन्हा, डॉ प्रेमलता, डॉ कुमारी कोमल, डॉ किरण कुमारी,
दृष्टि बिहार के सचिव दिलीप कुमार सिंह आदि ने पेंटिंग
एग्जीबिशन का मुआयना किया। सभी शिक्षकोंने छात्राओं
के द्वारा बनाए गए पेंटिंग की खूब तारीफ की।
स्वरोजगार से स्वावलंबी बनाने के गुर सिखाए गए
सबसे अधिक रुचि छात्राओं ने मंजूषा पंटिंग में दिखाई।
हालांकि मधुबनी पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग में भी छात्राओं
ने काफी रुचि दिखाई। कई छात्राओं ने कपड़े पर भी
कलाकृति को उकेरा। जिसे सभी ने सराहा। शिल्प प्रदर्शन
सह जागरूकता कार्यक्रम के तहत बिहार के हस्तशिल्प
मंजूषा पंटिंग मिथिला पंटिंग, टिकुली कला पंटिंग, ब्लॉक
प्रिंटिंग आदि का जागरूकता सह प्रशिक्षण का तीन दिवसीय
कार्यक्रम सुन्दरवती महिला महाविदयालय में वस्त्र मंत्रालय
भारत सरकार के कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प द्वारा
आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के माध्यम से छात्राओं
को शिक्षा के साथ-साथ स्वरोजगार से स्वावलंबी बनाने के
गुर सिखाए गए। ताकि इस कार्यक्रम से स्थानीय क्षेत्र के
लोक कलाओं को भी गति मिल सके।
ऐसे आयोजन से रचनात्मक बढ़ती है
कार्यक्रम को सफल बनाने ट्रेनर मिनी कुमारी झा, अंजना
कुमारी, रुची कुमारी, नम्रता सिंह, श्रेया सिंह, भोला प्रसाद,
जय किशोर, राम लाल तथा एनएसएस स्वयंसेविकाएं दिव्या,
छोटी, शिवानी, रानी, निकिता, शांति, मोनी, सरगम, कृति,
छोटी, प्रिया आदि छात्राओं ने भाग लिया। ट्रेनिंग प्रोग्राम
में एक सौ से भी अधिक छात्राएं भांग ली थी छात्राओं ने
ट्रेनिंग प्रोग्राम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। आत्मनिर्र व
स्वावलंबन का सपना संजोए छात्राओं को पढ़ाई के साथ
साथ स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उहदेश्य से
कार्यक्रम आयोजित किया गया था। नारी सशक्तिकरण की
दिशा में भी यह ट्रेनिंग प्रग्राम मील का पत्थर साबित होगा।
छात्राओं को हुनरमंद बनाने की दिशा में एसएम कॉलेज
प्रशासन कई रोजगारपरक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
शिक्षकों ने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्राओं के शैक्षिक
विकास के साथ साथ मानसिक और बौद्धिक विकास भी
होता है। साथ ही इससे छात्राओं में रचनात्मक, कलात्मक
और सृजनात्मक क्षमता भी बढ़ती है।