पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। इन घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक पिता-पुत्र की जोड़ी भी शामिल है। दर्जनों लोग घायल हुए हैं और कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
मरने वालों में धूलियान (संसेरगंज) के हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन दास की भीड़ ने घर में घुसकर हत्या कर दी। तीसरे मृतक की पहचान एक नाबालिग लड़के के रूप में हुई है, जिसे सूती इलाके में गोली लगी थी।
हिंसा की शुरुआत 8 अप्रैल को हुई, जब उमरपुर (जंगीपुर) में प्रदर्शनकारियों ने NH-12 को जाम कर दिया और पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। 11 अप्रैल को हालात और बिगड़े जब तृणमूल सांसद खलीलुर रहमान के कार्यालय पर हमला किया गया और निमतिता रेलवे स्टेशन पर रेल सेवाएं बाधित हुईं।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन ने 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की तैनाती की गई है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और धारा 144 लागू कर दी गई है।
विवादित वक्फ (संशोधन) अधिनियम को केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल को पारित किया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ किया है कि यह कानून राज्य में लागू नहीं होगा, जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य सरकार केंद्र के कानून को रोकने की अधिकार नहीं रखती।
पुलिस और प्रशासन लगातार इलाके में फ्लैग मार्च कर रहे हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। लेकिन ज़मीनी हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं।