जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा ने बिहार और बिहार के भविष्य को लालू यादव और नीतीश कुमार के हाथों में बेच दिया है। जैसे कांग्रेसियों ने हमारा भविष्य लालू जी के हाथ में बेचा, वैसे ही भाजपाई ने हमारा भविष्य नीतीश के हाथ में बेचा है। क्या नरेंद्र मोदी और अमित शाह को यह पता नहीं है कि नीतीश कुमार मानसिक और शारीरिक तौर पर मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में नहीं हैं।
नीतीश कुमार जैसे शिखंडी को सामने खड़ा करके बीजेपी वाले पीछे से राजनीति कर रहे हैं। अगर भाजपा में दम है तो अपना मुख्यमंत्री बनाए, चुनाव लड़े। सामने से नीतीश कुमार का चेहरा लगा रखा है। वह आदमी न शारीरिक तौर पर सक्षम है और न ही मानसिक तौर पर सक्षम है, लेकिन उनको सामने रखे हुए हैं। यह भी नहीं बता रहे हैं कि अगला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होगा। बिहार की जनता के साथ भाजपा वाले धोखा कर रहे हैं। उन्होंने आज बेगूसराय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बातें कही है।
सामने नीतीश कुमार को रखा है, अगर गलती से कहीं चुनाव जीत गए तो सबसे पहले नीतीश कुमार को हटाकर बीजेपी के लोग मुख्यमंत्री बनेंगे, जो काम बीजेपी ने महाराष्ट्र में किया है।

जनता लालू जी के डर से भाजपा को वोट देती है
भाजपा में ना यहां कोई नेता है ना नेतृत्व है। झूठ बोलकर बिहार की सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं। 2015 में इन्होंने सामने से कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हुए।
इसलिए यह फिर चाहते हैं कि किसी तरह से जुगाड़ लगाकर नीतीश कुमार को सामने रखकर, लालू का डर दिखाकर हम लोग वापस आ जाएं और चुनाव के बाद किसी भाजपाई को मुख्यमंत्री बना दें। हम किसी का भय नहीं दिखा रहे हैं, हम तो यह बता रहे हैं कि बिहार की जनता लालू जी के डर से भाजपा को वोट देती है और भाजपा के डर से लालू जी को वोट देती है। इन दोनों को खत्म करने का रास्ता है जन सुराज। लालू यादव के तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की बात पर प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू जी कह रहे हैं कि कोई माई का लाल नहीं है जो तेजस्वी को रोकेगा।
लालू जी की नजर में बिहार में एक ही लाल है जिसका नाम है तेजस्वी यादव। बिहार के 13 करोड लोगों की चिंता तो उनको है नहीं, लालू जी को बस अपने परिवार, उनके 5 बाल बच्चे, इसके आगे वह सोच ही नहीं सकते हैं कि बिहार में कोई और है। कन्हैया कुमार की पलायन रोको यात्रा के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज की ताकत देखिए, चुनाव से पहले पलायन कभी मुद्दा नहीं बना था। लालू जी जैसे आदमी भी कह रहे हैं कि हम पलायन रोक देंगे।

कन्हैया कुमार यात्रा कर रहे हैं, बहुत अच्छी बात है।
लालू जी के मुंह से किसी ने पलायन शब्द नहीं सुना होगा, यही जन सुराज की ताकत है। कन्हैया कुमार यात्रा कर रहे हैं, बहुत अच्छी बात है। यह जन सुराज की ताकत है कि कांग्रेसी भी पलायन की बात कह रहे हैं, लेकिन जब कांग्रेसी आएं, कन्हैया कुमार आएं तो उनसे एक सवाल पूछिएगा कि कांग्रेस का 2 साल पहले तेलांगना में मुख्यमंत्री बने रेवंत रेड्डी ने कहा कि बिहारी का डीएनए मजदूरों का है। बिहारी मजदूरी करने के लिए ही पैदा हुए हैं। यहां वह पलायन की बात कर रहे हैं, यह नहीं चलेगा कि बिहार के बाहर बिहारी कहकर गाली दे दो और बिहार से वोट मांगे।
तेलंगाना से ही सरकार बना कर दिखा दो, जब बिहारी मजदूरी कर और तेलंगाना के लोग राज करने के लिए पैदा हुए हैं तो बिहारी से वोट मांगने की जरूरत क्या है। बिहार में 2017 से कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर है, उसका एकमात्र कारण है शराबबंदी।
कानून व्यवस्था लागू करने के लिए जो तंत्र है, उसका एक बड़ा हिस्सा कानून व्यवस्था के काम को छोड़कर शराबबंदी को लागू करने में लगा हुआ है, उसको छुपाने और कमाने में लगा हुआ है। आए दिन अपहरण को छोड़कर हर इंडिकेटर वही हो गया है जो लालू जी के जमाने में था। लूटपाट, मर्डर, लड़ाई झगड़ा चल रहा है, सिर्फ अपहरण ही बचा हुआ है, कुछ दिन और रहे तो वह भी चालू हो जाएगा।