भागलपुर में एक आर्मी जवान को घेर कर उस पर जानलेवा हमला और छिनतई का मामला सामने आया है। घटना जिले के जगदीशपुर का है। जहां एक आर्मी जवान को घेर कर पर्स छीनने की कोशिश की बल्कि उससे पांच लाख रुपए की रंगदारी भी मांगी और ना देने पर उसे जान से मारने की धमकी दी।
पीड़ित जवान की पहचान दीपक कुमार सिंह के रूप में हुई है, जो फिलहाल सिक्किम में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि बदमाशों ने पर्स में रखे सोने के चैन भी छीन लिए और विरोध करने पर उसे पिस्टल के बट से पीटा, जिससे वह घायल हो गया।
जानकारी के अनुसार, पीड़ित अपने ससुराल गोरडीह के वीरनोद से अपने घर हरवा जगदीशपुर आ रहे थे, जब उनकी गाड़ी को तकरीबन 10 अज्ञात लोगों ने घेर लिया। इन बदमाशों ने अचानक हमला कर दिया, जबकि जवान का किसी से कोई निजी विवाद नहीं था। घटनास्थल पर अपराधी नशे में थे और उन्होंने उसे बुरी तरह पीटा।
पीड़ित जवान ने इस मामले में जगदीशपुर पुलिस से लिखित शिकायत की है। घायल जवान का इलाज भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में चल रहा है।

किसी ने नहीं है कोई विवाद, नशे में थे अपराधी
पीड़ित जवान दीपक कुमार सिंह ने बताया कि उनकी गाड़ी को तकरीबन 10 अज्ञात लोगों ने घेर लिया। इन बदमाशों ने अचानक हमला कर दिया, जबकि जवान का किसी से कोई निजी विवाद नहीं था। घटनास्थल पर अपराधी नशे में थे और उन्होंने उसे बुरी तरह पीटा।
इस मामले को लेकर बरारी एसआई श्याम सुंदर सिंह ने बताया कि आर्मी जवान दीपक कुमार सिंह की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए छापेमारी तेज कर दी गई है। एसआई ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही अपराधी गिरफ्त में होंगे।
बीजेपी किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता ने थानेदार पर उठाए सवाल
वहीं, इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता इंजीनियर श्रीकांत कुशवाहा ने जगदीशपुर थाना के थाना प्रभारी पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि थानेदार शराब तस्करी में शामिल हैं, जिससे क्षेत्र के अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है।
श्रीकांत कुशवाहा ने कहा कि एक तरफ जहां सरकार अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कई उपाय अपना रही है, वहीं कुछ थानेदार ऐसे हैं जो अपराधियों का साथ दे रहे हैं। ऐसे अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
कुशवाहा ने यह भी सवाल उठाया कि शराबबंदी वाले बिहार में अपराधी शराब के नशे में क्यों थे। उन्होंने कहा, “अगर इस क्षेत्र में शराब नहीं मिलती, तो इन लोगों ने पिया कैसे? यह सीधे तौर पर थानेदार की लापरवाही है।