पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को रूस के साथ समझौता करने की सलाह दी है। उन्होंने जेलेंस्की पर युद्ध शुरू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें लड़ाई में नहीं कूदना चाहिए था।
फॉक्स न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “जेलेंस्की एक बहुत बड़े और ताकतवर देश से लड़ रहे थे। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। हम एक समझौता कर सकते थे।” उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि वे राष्ट्रपति होते, तो युद्ध को एक दिन में समाप्त कर सकते थे। ट्रंप ने जेलेंस्की के फैसले को “गलत” बताते हुए कहा कि इससे युद्ध की शुरुआत हुई।
इसके विपरीत, वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है। बाइडन प्रशासन ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं और यूक्रेन को बड़ी मात्रा में सैन्य सहायता प्रदान की है। ट्रंप ने बाइडन प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों का उपयोग करके रूसी क्षेत्र के अंदर हमले करने की अनुमति देना एक गलत निर्णय था।
ट्रंप के इस बयान ने यूक्रेन-रूस युद्ध और अमेरिकी विदेश नीति पर नई बहस छेड़ दी है। उनके अनुसार, जेलेंस्की को रूस के साथ समझौता करना चाहिए था, बजाय इसके कि वे लड़ाई में शामिल होते। ट्रंप ने यह भी कहा कि युद्ध के कारण लाखों लोगों की जानें गई हैं और बड़ी तबाही हुई है, जिसे वे जेलेंस्की के नेतृत्व की नाकामी मानते हैं।
सितंबर में ट्रंप ने जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा था कि वे एक ऐसा समझौता करेंगे जो दोनों पक्षों के लिए “फायदेमंद” हो। हालांकि, उनके ताज़ा बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वे युद्ध की जटिलताओं को सही ढंग से समझते हैं। डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान ने यूक्रेन-रूस युद्ध और अमेरिकी विदेश नीति पर उनके रुख को लेकर नई बहस छेड़ दी है।