अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को अमेरिकी एजेंसी USAID द्वारा दी गई 21 मिलियन डॉलर (करीब 175 करोड़ रुपये) की फंडिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस राशि को ‘किकबैक स्कीम’ बताते हुए पारदर्शिता और संभावित भ्रष्टाचार को लेकर चिंता जताई है। ट्रंप के इस बयान के बाद भारतीय राजनीति में भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस छिड़ गई है।
क्या है पूरा मामला?
USAID ने भारत में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की सहायता राशि दी थी। लेकिन ट्रंप ने इसे संदेह की नजर से देखते हुए कहा कि यह पैसा कहीं न कहीं बिचौलियों और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों तक पहुंच सकता है। उन्होंने इस फंडिंग की जरूरत पर भी सवाल उठाए कि अमेरिका को भारत में चुनाव प्रक्रिया के लिए धन देने की क्या आवश्यकता है?
भाजपा-कांग्रेस में बयानबाजी शुरू
ट्रंप के बयान के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल विदेशी ताकतों के समर्थन पर निर्भर रहते हैं, जबकि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है।
वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ अंतरराष्ट्रीय राजनीति को भारत की आंतरिक राजनीति से जोड़कर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने यह भी कहा कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाना गलत है।
आगे क्या होगा?
ट्रंप के इस बयान ने अमेरिका और भारत के संबंधों को लेकर भी नई बहस छेड़ दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिकी प्रशासन इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और भारत सरकार इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया देती है।