पूर्णिया में कॉमन सर्विस सेंटर की आड़ में साइबर ठगी का खेल चल रहा था। सीएससी संचालक डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट बनाकर लोगों की पहचान चुराते थे। फिर खातों को साइबर फ्रॉड को बेच देते थे। इसी खाते पर साइबर फ्रॉड ठगी के रुपए डालते थे, जिसकी निकासी वे डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट से करते थे।
पुलिस ने साइबर ठग को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके दो अन्य साथी फरार हैं। ठगों के पास से 28 डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट और फिंगरप्रिंट डिवाइस समेत कई अन्य चीजें बरामद की है। मामला कटिहार मोड़ टीओपी से जुड़ा है।
पकड़े गए ठग के पास से कटिहार मोड़ टीओपी पुलिस ने 28 डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट, फिंगरप्रिंट डिवाइस, पेन ड्राइव, ओटीजी, मोबाइल, बुलेट बरामद कर जब्त किया है। पुलिस गिरफ्त में आए ठग की पहचान अररिया जिले के महलगांव निवासी सानू कुमार विश्वास के रूप में हुई है, जो अपने 2 अन्य साथी अररिया महलगांव निवासी भुपेन्द्र कुमार और हेमन्त कुमार विश्वास के साथ मिलकर लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाता था।

पुलिस को देखकर भाग रहा था
पूर्णिया सदर SDPO पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि कटिहार मोड़ टीओपी प्रभारी अभय रंजन कप्तान पुल पर वाहन चेकिंग में लगे थे। इसी क्रम में लाइन बाजार की ओर से गुलाबबाग की ओर बुलेट से जा रहा युवक पुलिस को देखते ही भागने की कोशिश करने लगा। जिसे ओवरटेक कर पकड़ा गया। इसके बाद उसकी तलाशी ली गई। तलाशी के क्रम में उसके पास से 28 पीस फिंगर प्रिंट बरामद किया।
पूछताछ में साइबर फ्रॉड से जुड़ा राज खुला। साइबर ठग सानू कुमार विश्वास ने बताया कि वो कॉमन सर्विस सेंटर की आड़ में साइबर ठगी करता है। वो अपने दो अन्य साथी भूपेंद्र कुमार और हेमंत कुमार विश्वास के साथ मिलकर लोगों के अंगुठे का निशान लेता है। अंगुठे के निशान रबड़ का डुप्लीकेट फिंगरप्रिंट बनाते हैं और फिर उनके बैंक खाते को साइबर फ्रॉड से बेच देते हैं।
उसके सीएससी सेंटर पर जो भी लोग पहुंचते। तीनों मिलकर लोगों की पहचान चुरा लेते और अंगूठे का निशान लेकर उसका फिंगरप्रिंट बनाते हैं।
भूपेन्द्र और हेमंत के जरिए फिंगरप्रिंट लिए खाताधारक के खाते को साइबर फ्रॉड को बेच देते हैं। इसके एवज में साइबर फ्रॉड साइबर ठगी के रुपए का कमीशन देते हैं। पूछताछ के बाद ठग को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अन्य साइबर ठगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।