दिल्ली रेलवे स्टेशन पर देर रात हुए भगदड़ के कारण हुई मौतों को लेकर भागलपुर में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा और RJD प्रवक्ता अरुण कुमार यादव ने इस घटना पर सरकार को आड़े हाथों लिया है और इसे रेलवे मैनेजमेंट की विफलता करार दिया है।
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि महाकुंभ को लेकर रेलवे मैनेजमेंट पूरी तरह से असफल रहा है। उन्होंने कहा कि इस हादसे में जो लोग मरे हैं, उनके परिवारों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलकर मदद करनी चाहिए। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं थे।
उन्होंने सरकार से मांग की कि इस घटना की गहन जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार मरने वालों के आंकड़े छिपा रही है, जो गलत है। बिहार के 9 लोग भी इस हादसे में मारे गए हैं, उनके परिवारों के लिए कौन जिम्मेदार होगा।

2-2 लाख रुपए मुआवजा की मांग
RJD प्रवक्ता अरुण कुमार यादव ने भी इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह घटना सरकार की कुव्यवस्था और लचर भीड़ प्रबंधन का नतीजा है। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की।
आगे उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए इस हादसे में मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये और घायलों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही बिहार सरकार से भी बिहार के मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए और घायलों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा देने की अपील की।
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, और नेताओं द्वारा मुआवजे की मांग ने इस मामले को और सियासी रंग दे दिया है।
