भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया
भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से अपना 100वां लॉन्च सफलतापूर्वक किया, जब उसने अपने नवीनतम नेविगेशन सैटेलाइट, NVS-02 को कक्षा में भेजा। यह लॉन्च ISRO के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसने न केवल भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को और अधिक मजबूत किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक बन चुकी है।
NVS-02 सैटेलाइट का महत्व
NVS-02 सैटेलाइट भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट प्रणाली (IRNSS) का एक अहम हिस्सा है, जिसे GAGAN (ग्लोबल एविएशन गाइडेंस अवेलेबल नेविगेशन) प्रणाली के तहत डिजाइन किया गया है। यह सैटेलाइट देश में उच्च गुणवत्ता वाली पोजीशनिंग और नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेगा। ISRO के अनुसार, NVS-02 सैटेलाइट का उद्देश्य वायुमार्ग, समुद्री नेविगेशन, और भूमि पर आधारित सेवाओं को बेहतर बनाना है।
श्रीहरिकोटा से 100वां लॉन्च: ISRO की ऐतिहासिक उपलब्धि
श्रीहरिकोटा से इस 100वें लॉन्च के साथ ISRO ने अंतरिक्ष मिशन के इतिहास में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। इस सफल लॉन्च ने ISRO के इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के कठोर प्रयासों और समर्पण को उजागर किया। ISRO के अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा, “यह लॉन्च हमारी टीम की मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है। आज का दिन भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।”