भारत और चीन के बीच रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। भारतीय विदेश सचिव बीजिंग पहुंचे हैं, जहां दोनों देशों के अधिकारी तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारने के लिए अहम बातचीत करेंगे। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लंबे समय से गतिरोध जारी है।
सीमा विवाद सुलझाने की पहल
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सीमा विवाद पर संवाद को आगे बढ़ाना है। गलवान घाटी की घटना के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है। अब इस मुद्दे पर ठोस प्रगति की उम्मीद की जा रही है, ताकि LAC पर शांति और स्थिरता कायम की जा सके।
व्यापार और आर्थिक सहयोग पर फोकस
भारत और चीन के बीच व्यापारिक असंतुलन एक बड़ा मुद्दा है। बैठक में व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने और भारतीय कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए चर्चा हो सकती है। साथ ही, आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर जोर दिया जाएगा।
भरोसे की बहाली महत्वपूर्ण
दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली के लिए यह उच्चस्तरीय संवाद एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, ब्रिक्स, जी20 और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की संभावना है।
आशा और चुनौती का संगम
यह यात्रा भारत-चीन रिश्तों में सुधार की नई उम्मीद लेकर आई है। हालांकि, सीमा विवाद का समाधान इस प्रक्रिया का सबसे कठिन पहलू है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में कितना सुधार हो पाता है।