IGI Airport News: भारत और बांग्लादेश की सीमा लगती है, ऐसे में पड़ोसी देश से बड़ी संख्या में लोग अवैध तरीके से भारत में घुस आते हैं. एक बार फिर से ऐसा ही मामला सामने आया है.
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ स्पेशल कैंपेन चलाया जा रहा है. इसमें दिल्ली पुलिस की टीम को काफी सफलता मिली है. दिल्ली में बड़ी तादाद में बांग्लादेशी बिना किसी वैलिड डॉक्यूमेंट के आकर रह रहे हैं. फर्जी तरीके से जरूरी डॉक्यूमेंट बनवाकर सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं. दिल्ली पुलिस की टीम ने एक बार फिर से ऐसे ही मामले का खुलासा किया है. बांग्लादेशी महिला 10 साल पहले अवैध तरीके से इंडिया पहुंची और रिया अख्तर से रिया सिंह बन गई. अब इस महिला को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जो एक बांग्लादेशी महिला को फर्जी भारतीय दस्तावेज उपलब्ध कराने में शामिल थे. यह महिला 10 साल से अधिक समय पहले अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुकी थी. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. पुलिस के अनुसार, गौतम बुद्ध नगर के सचिन चौहान (38) और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के सुष्मिंदर (25) ने एक योजना बनाई थी, जिससे महिला को फर्जी भारतीय दस्तावेज, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड और भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने में मदद मिली.
IGI एयरपोर्ट से गिरफ्तार
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 8 जनवरी को, एक महिला यात्री (जिसका भारतीय पासपोर्ट रिया सिंह के नाम पर था) आईजीआई हवाई अड्डे से ढाका जाने की कोशिश कर रही थी. दस्तावेजों की नियमित जांच में असंगतियां पाई गईं, जिससे उसकी पहचान रिया अख्तर, एक बांग्लादेशी नागरिक के रूप में हुई. उसके पास एक बांग्लादेशी स्कूल पंजीकरण कार्ड था, जो उसकी असली पहचान की पुष्टि करता था. जांच में पता चला कि उसने 2014 में पश्चिम बंगाल की सीमा पार कर अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था. इस मामले में एक केस दर्ज किया गया और आगे की जांच शुरू की गई.
चौंकाने वाला खुलासा
पूछताछ के दौरान महिला ने खुलासा किया कि उसने बेहतर काम के अवसरों और विदेश यात्रा के लिए भारतीय दस्तावेजों की मांग की थी. उसने फर्जी दस्तावेज और पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए सचिन चौहान को 2 लाख रुपये का भुगतान किया था, आईजीआई हवाई अड्डे की डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस उषा रंगनानी ने बताया. पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार एजेंट एक रैकेट चला रहे थे. टिकट बुकिंग और वीजा व्यवस्था के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले चौहान ने अपने नेटवर्क का उपयोग करके फर्जी दस्तावेज प्राप्त किए. डीसीपी ने बताया कि उन्होंने अपने सहयोगी सुष्मिंदर के साथ मिलकर भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए आवश्यक फर्जी प्रमाण पत्रों की व्यवस्था की. सचिन ने कबूल किया कि उसने अवैध आव्रजन गतिविधियों में शामिल एजेंटों के साथ काम करना शुरू किया, ताकि आसानी से पैसा कमा सके.