भारत के इतिहास में 2025 की शुरुआत ने एक बड़ा मील का पत्थर दर्ज किया, जब उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह कदम संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता को वास्तविकता में बदलने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
UCC का मतलब है देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून, चाहे उनका धर्म, जाति या लिंग कुछ भी हो। यह विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे विषयों पर एकसमान कानून लाने का प्रयास करता है।
उत्तराखंड में UCC लागू करने की टाइमलाइन
- मार्च 2022: विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में UCC को शामिल किया।
- मई 2022: मुख्यमंत्री धामी ने विशेषज्ञ समिति का गठन किया।
- अक्टूबर 2023: समिति ने ड्राफ्ट तैयार किया और सुझाव मांगे।
- जनवरी 2025: विधानसभा में बिल पारित होने के बाद UCC लागू किया गया।
नियम और प्रभाव
- विवाह और तलाक: सभी धर्मों के लिए एकसमान कानून लागू होंगे।
- संपत्ति का बंटवारा: सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए जाएंगे।
- गोद लेना: धार्मिक मान्यताओं से परे, बच्चों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
जहां इस कदम का स्वागत “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की दिशा में बताया जा रहा है, वहीं कुछ विपक्षी दलों और संगठनों ने इसे सांस्कृतिक विविधता पर आघात करार दिया है।
उत्तराखंड की यह पहल अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बन सकती है और राष्ट्रीय स्तर पर बहस को नया आयाम दे सकती है।